यह प्रोजेक्ट थर्मल सिस्टम में उपयोग किए जाने वाले सरल और हाइब्रिड नैनो फ्लुइड्स के स्थिरता आकलन पर एक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है। जैसे कि हीट एक्सचेंजर्स, सोलर कलेक्टर, और हाइब्रिड फोटोवोल्टिक- थर्मल पीवीटी सौर प्रणाली जीवन चक्र पद्धति आदि पर भी ध्यान केंद्रित करता है। इस प्रोजेक्ट में इलेक्ट्रॉनिक कूलिंग, ऑटोमोबाइल रेडिएटर, प्रशीतन प्रणाली आदि जैसे विभिन्न गर्मी हस्तांतरण उपकरणों में नैनो फ्लुइड्स का उपयोग करने के लिए एक संक्षिप्त और अद्यतन समीक्षा प्रदान किए जाना भी प्रस्तावित है।
इस मौके पर रविवार को पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने डॉ. मौर्य को बधाई देते हुए इस प्रोजेक्ट में मिले अनुदान की सराहना की। इस मौके पर संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मिथिलेश सिंह, निदेशक डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. गिरिधर मिश्रा, डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. आशीष वर्मा, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. सुजीत चौरसिया आदि ने बधाई दी।