पीड़िता की मां ने मुकदमा दर्ज करवाया था कि 12 जून 2023 को एक व्यक्ति के यहां बरात आई थी। उसी बरात में राम हरि उर्फ राम आशीष बिंद निवासी आजमगढ़ भी आया था। वह घर पर भी आया और कहा कि आठ वर्षीय बालिका को बरात दिखाने ले जा रहा है। जयमाल दिखाकर पहुंचा देगा। राम हरि ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। वह देर रात पीड़िता को घर छोड़कर चला गया। डरवश पीड़िता ने कुछ नहीं बताया। दूसरे दिन उसने बताया कि रामहरि ने उसके साथ गलत काम किया है। धमकी भी दी था, इसलिए रात में नहीं बताया।
पति की वजह से किसी को कुछ नहीं बताया। पीड़िता को बुखार आया तो डॉक्टर से दवा कराया और वादिनी ने थाने पर घटना की सूचना दी। पीड़िता के मेडिकल व मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान के बाद पुलिस ने विवेचना करके कोर्ट में केस डायरी दाखिल की। सरकारी वकील राजेश उपाध्याय व कमलेश राय, रमेशचंद्र पाल ने कोर्ट में गवाहों का बयान अंकित कराया। कोर्ट ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोषी राम हरि को दुष्कर्म का दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। 22 हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा सुनायी गई है।