संगीत मयी श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथावाचक ने पार्वती जन्म की कथा सुनाई
महराजगंज (जौनपुर) । महराजगज के सवंसा हनुमान मंदिर पर हो रही संगीतमयी श्रीराम कथा के दूसरे दिन मंगलवार बृन्दावन से पधारे कथावाचक शिवम दास महराज ने माता पार्वती और भगवान शिव पर विस्तार पूर्वक चरचा करते हुए बताया कि दक्ष राजा की कन्या सती ने भगवान से यह वर प्राप्त कर लिया था कि हर जन्म में वह शिव को पति के रूप में प्राप्त करती रहे ! पार्वती के रूप में उसने पर्वतराज हिमालय के घर में जन्म लिया !उनके जन्म लेते ही हिमालय का महत्व और बढ गया ! दूरदराज से तमाम ऋषि मुनि वहां आश्रम बना कर रहने लगे !
देव ऋषि नारद को जब पता चली तो वे वीणा बजाते नारायण नारायण का भजन गाते हिमालय से मिलने चल दिए !पर्वतराज हिमालय ने देवर्षि नारद को आदर सत्कार करते बैठाया ! देवर्षि नारद ने पार्वती की कुंडली बाचते हुए उनके गुणो का बखान किया ! बखान सुन हिमालय और उनकी पत्नी बहुत ही प्रसन्न हुई! किन्तु जैसे ही उन्होने पार्वती के होने वाले पति के बारे में बताया कि इन्हे योगी जटाधारी अमंगल वेश धारी इच्छा रहित हृदय वाला पति प्राप्त होगा ये सुन पति पत्नी दोनो दुखी हो गये! जबकि पार्वती जी मन ही मन प्रसन्न हो गयी किन्तु मन मे संदेह हुआ कि उनसे मिलना आसान नही होगा ! अंत में श्री रामकथा व हनुमान मदिर के पुजारी पंडित श्याम शंकर उपाध्याय यादवेन्द्र प्रताप सिह लवकुश सूरज सिह अभय सिह रिन्कू श्रीवास्तव डा० अमित सोनी लालजी उपाध्याय आदि श्रद्धालुओ ने आरती बाद प्रसाद वितरण में सहायक बने !