हुबलाल यादव (जौनपुर)
महराजगंज (जौनपुर) । तेजीबाजार क्षेत्र के स्थानीय पुरानी बाजार में दीपचंद्र ऊमर वैश्य द्वारा 09 दिवसीय संगीतमयी श्रीरामकथा के आयोजन में आठवें दिन की कथा में उमादास महराज जी व स्वाति शुक्ला ने श्रोताओं को आठवें दिन की कथा में भक्तो को भरत एवं हनुमान जी के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जब तक जीवन से अहंकार नही निकलता तब तक परमात्मा की प्राप्ति नही होती।
फ़ोटो - उमादास महराज
हनुमान जी संजीवनी लेकर श्री राम के पास जब आ रहे थे तो भरत को ये नही मालूम था कि ऊपर आकाश मार्ग से हनुमान ही जा रहे हैं, उनको अपनी गलती का अहसास तब हुआ जब भरत फिक को ये मालूम पड़ा कि ये कोई और नही ये तो प्रभु श्री राम का सेवक हनुमान हैं, हनुमान ने लक्षमण के मुर्छित होने की पूरी बात जब भरत को बताई तो भरत के पैरों तले की जैसे जमीन खिसक गई हो ऐसा अहसास हुआ।
इस कथा को संगीतमयी बनाने वाले ओम दास, केशव दास जी ने अपने संगीत की धुन से सभी भक्तगणों को भाव विभोर कर दिया। कथा का रसपान करने हनुमान भक्त पं० मुकेश मिश्रा, रमेश, सुभाष सेठ, विनोद सेठ, सच्चिदानंद मिश्रा, धर्मेंद्र सिंह राज ग्रुप, पं० जे०पी० मिश्रा, सुधांशु स्वर्णकार, तन्मय, राजेश स्वर्णकार, कपिल सेठ, हर्ष, सत्यम, युवराज, सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष, युवक युवतियां, बच्चे आदि उपस्थित रहे। कथा के अंत में प्रतिदिन की भांति विधिवत आरती-पूजन किया गया, जयकारें लगाये गये, और वही सुभाष स्वर्णकार (पूर्व अध्यापक) द्वारा प्रसाद का वितरण कराया गया।