एक प्रमुख हिंदी अखबार से मिली जानकारी के अनुसार प्रधान नरेंद्र देव ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित प्रधान पद पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे पर प्रधानी का चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। इस पूरे मामले में जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि 2021 में हुए पंचायत चुनाव में, निचलौल तहसील क्षेत्र के पिपरा काजी ग्राम पंचायत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी, जिसमें गांव के नरेंद्र देव ग्राम प्रधान बने थे।चुनाव हो जाने के बाद उक्त गांव के मनोज ने विरोध जताते हुए इस आशय का परिवाद दायर किया कि प्रधान नरेंद्र देव ने फर्जी तरीके से अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़ा है।
बता दे कि इस पर उच्चाधिकारियों ने कमेटी गठित कर कागज़ात की जांच कराई थी, जिसमें पाया गया कि नरेंद्र देव कहार पिछड़ा वर्ग में आते हैं। उपजिलाधिकारी निचलौल ने बताया कि जांच में मामला सही मिलने पर प्रधान पद के चुनाव को शून्य घोषित करके प्रधान पद को रिक्त कर दिया गया हैं।