यह था पूरा मामला
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल ने लाइन बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया था कि 10 मई 2020 को विक्रम और उसके सहयोगियों द्वारा उसका अपहरण करके धनंजय सिंह के आवास पर ले जाया गया। जहां धनंजय ने पिस्टल निकाल कर धमकाया।रंगदारी मांगा।आरोपियों ने जबरन गिट्टी बालू की आपूर्ति के लिए दबाव डालते हुए धमकी दिया। वादी की एफआइआर पर आरोपी गिरफ्तार हुए।जेल गए।बाद में वादी एफआइआर में कही गई बातों से मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में मुकर गया और कहा कि धनंजय व विक्रम ने न तो अपहरण कराया न रंगदारी मांगी।वादी के घटना से मुकरने का फायदा विक्रम को तो मिल गया लेकिन धनंजय चूक गए। सूत्रों की माने तो पहले विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट सी ओ ऑफिस में दाखिल भी कर दी थी बाद में पुलिस के उच्च अधिकारी के आदेश से पुनः विवेचना हुई और इस बार चार्ज शीट दाखिल हुई थी।
पांच मामले में हुई सज़ा और जुर्माना
364 ipc में 7 सात वर्ष कारावास 50 हज़ार जुर्माना
386 ipc में 5 वर्ष की सज़ा 25 हज़ार जुर्माना
594 ipc में एक वर्ष की सज़ा 10 हज़ार जुर्माना
506 ipc में 2 वर्ष की सज़ा 15 हज़ार जुर्माना
120 B ipc में 7 वर्ष की सज़ा 50 हज़ार जुर्माना।