जिसके बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनके साथ एक बार फिर धोखा किया गया है और उनकी पत्नी का टिकट काटकर दूसरे को दे दिया गया है। जिसका जवाब जनता मांग रही है तो पार्टी के पदाधिकारी झूठा आरोप मढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है और इसमें हर किसी को अपना विचार निर्भीकता पूर्वक रखने की स्वतंत्रता है वे डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि कई जिलों में बसपा द्वारा प्रत्याशियों का टिकट काटा गया जिसके बाद उन्हें यह अंदाजा हो गया था कि उनके साथ भी धोखा किय जा सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व में उनके साथ बहुजन समाजवादी पार्टी द्वारा तीन बार धोखा किया जा चुका है, जबकि उनकी पत्नी के साथ पहली बार ये किया गया है जिससे वे पूरी तरह आहत हैं। जनता को गुमराह करने के लिए ऊल जलूल बयान दिये जा रहे हैं लेकिन जिले की जनता समझदार है।
कहा कि बसपा के लोग मेरी कार्यशैली से पूरी तरह वाकिफ हैं चंद लोग जिन्हें मेरे बारे में जानकारी नहीं है वे इस तरीके से बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन बसपा की कार्यशैली से जनपद ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता वाकिफ है। अमेठी, आजमगढ़, बनारस, बलिया में अभी दो दिन पूर्व टिकट बदले गये हैं, लेकिन इस तरीके से नामांकन कराने के बाद टिकट काटा जाना न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वे किसी भी दबाव के आगे न झुके हैं और न भविष्य में झुकेगें। कहा कि 2002 में जब वे पहली बार चुनाव लड़े थे तब भी उन्हें जेल भेजा गया। 2011, 2012 में भी उन्हें जेल भेजकर डराने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कभी समझौते की राजनीति नहीं की और न ही कभी करेगें बल्कि जनता के हितों के लिए निरंतर संघर्ष करते रहेगें।