बता दे की उक्त गांव की रहने वाली सरिता तिवारी ने पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अजय पाल शर्मा को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वह कई वर्षों से गांव में अपने नाम की जमीन पर घर बनाकर रह रही हैं। उनके पति कानपुर में नौकरी करते हैं। 19 सितंबर को, बारिश के कारण घर के पास हुए गड्ढे को मिट्टी भरवाना शुरू की थी कि तभी गांव की प्रधान शैलेन्द्र कुमारी, उनके पति विनय प्रचेता, देवर विमल और भूपेश, साथ ही उनके पुत्र विवेक और निलेश ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर वहां पहुंचे, और अपशब्द भाषा का प्रयोग किया, और जान से मारने की धमकी देते हुए काम को जबरजस्ती रुकवा दिया।
सरिता तिवारी का आरोप है कि धमकी देने के बाद जब वह अपनी जान बचाने के लिए घर से भागने की कोशिश कर रही थीं, तब प्रधान पति और उसके साथियों ने उनका पीछा भी किया। वही ग्राम प्रधान का कहना है कि अवैध कब्जे को रोकने की कोशिश की, तो मुझे और मेरे परिवार को झूठे मामले में फंसाया गया जा रहा है। इस मामले को पुलिस ने गम्भीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।