जिलाधिकारी की भूमिका निभाते हुए, सेजल ने जमीन संबंधी विवादों के कई मामले सुने, जिसमें से दो समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया गया। सेजल ने बताया कि सबसे अधिक मामले जमीन पर बाउंड्रीवाल कराने से संबंधित थे।
मीडिया से बातचीत में एक दिन की डीएम सेजल गुप्ता ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "मैं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही हूं, लेकिन मेरा सपना आईएएस अधिकारी बनने का है। एक दिन की जिलाधिकारी बनने का यह अनुभव मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक रहा और इससे मुझे अपनी मंजिल तक पहुंचने की दिशा में नई ऊर्जा मिली है।"
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश के तहत महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सुनिश्चित करने के लिए जिले की टॉपर सेजल गुप्ता को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सेजल ने न केवल जनता की समस्याएं सुनीं बल्कि उनके निस्तारण के निर्देश भी दिए, जिससे फरियादी भी हैरान रह गए।