सुजानगंज, (जौनपुर) पापाचार करने वाला जीव प्रेत योनि में जाता है। श्री मद्भागवत पुराण कथा श्रवण मात्र से जीव को मुक्ति धाम की प्राप्ति होती है। सर्व मंगलकारी कथा है श्री मद्भागवत पुराण कथा सुनकर ही ज्ञान और बैराग को तरुणाई प्राप्त हुई। उक्त बातें सुजानगंज क्षेत्र इटहा गांव में राजेंद्र पाठक के यहां आयोजित श्री मद्भागवत कथा सप्ताह के प्रथम दिन कथा व्यास पण्डित उमानाथ जी महराज जी ने कहा। कथा को आगे सुनाते हुए गोकर्ण गीता का वर्णन करते हुए कहा कि यह संसार एक जंजाल है, धोखा है,छल है, यहां लोग मोह-माया और अपना-पराया के चक्कर में उलझ कर रह जाता है। गोकर्ण और धुंधकारी की कथा को विस्तार से सुनाया। कथा प्रारम्भ से पूर्व मुख्य यजमान राजेन्द्र पाठक सपत्नीक मंचासीन कथा व्यास का माल्यार्पण किया।इस अवसर पर विनोद उपाध्याय, हृदय नारायण दुबे, उमापति उपाध्याय, धर्म प्रकाश दुबे आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।