Photo: डॉ. गीतिका सिंह |
डॉ. गीतिका सिंह ने यह उपाधि रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय रायसेन मध्य प्रदेश से डॉ. नीलेश शर्मा के मार्गदर्शन में किया। डा. गीतिका सिंह पेशे से एक वकील हैं, इनके पति कृष्ण कुमार सिंह भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर के पद पर सेवारत हैं। उनके पिता डॉ. रविंद्र नाथ सिंह, भूतपूर्व वायु सेना अधिकारी एवं आयकर विभाग में आयकर अधिकारी के पद पर रह चुके हैं।
डॉ. गीतिका सिंह ने बताया कि इस शोध का मुख्य उद्देश्य है कि जब, काले धन (ब्लैक मनी), बेनामी प्रॉपर्टी आदि को रोकने के लिए इतने सारे अन्य कानून एवं विधान पहले से विद्यमान है, तो इस कानून की आवश्यकता क्यों पड़ी और यह अन्य प्रावधानों से किस प्रकार भिन्न है? क्या यह कानून उस उद्देश्य को प्राप्त कर पाएगा जिस उद्देश्य से बनाया गया है? इस कानून को प्रभावी बनाने में किन-किन बाधाओं की संभावनाएं हैं? जो कानून को लागू करने वाली एजेंसियां या संस्थाएं हैं क्या वे इसका प्रभावी ढंग से बिना मानवाधिकारों का उल्लंघन किये इसका उपयोग कर पाएंगी? इस शोध को पूरा करने में डा. गीतिका सिंह को लगभग 4 वर्ष लगे।
यह शोध उन शोधार्थियों के लिए एक संसाधन का माध्यम बनेगा जो इस क्षेत्र में शोध करने के लिये इच्छुक हैं। इस शोध से नवयुवकों को एक नई प्रेरणा मिलेगी कि कोई भी कार्य जटिल नहीं होता और अपने सामाजिक और पारिवारिक दायित्व को पूरा करते हुए भी शोध कार्य किया जा सकता है। कानून के क्षेत्र में ऐसे शोध की आवश्यकता भी है, क्योंकि यह कानून अभी नया है जो वर्ष 1988 में बन तो जरूर गया था लेकिन नियमावली न बन पाने के कारण से अब तक लागू नहीं हो पाया था जिसे सन 2016 में संशोधन के उपरांत लागू किया गया।
इस शोध से डॉ. गीतिका सिंह के गांव में खुशियों का माहौल छाया रहा। सगे संबंधियों द्वारा बधाई देने वालों का तांता लगा रहा है। बधाई देने वालों में मुख्य रूप से केराकत के पूर्व विधायक दिनेश चौधरी, प्रवीण राय (गुड्डू), राजन राय, धीरज सोनी पत्रकार आदि रहे।