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लाखों का खर्च, फिर भी एंबुलेंस में नहीं था ऑक्सीजन, विश्वविद्यालय कर्मचारी की रास्ते में मौत

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मंगलवार को परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में कार्यरत रामधारी गौड़ की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें विश्वविद्यालय की एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन ऑक्सीजन की सुविधा न होने के कारण रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

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क्या है पूरा मामला?

रामधारी गौड़ सुबह टहलने के बाद अपने कमरे में लौटे थे, तभी उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। परिजनों ने तुरंत विश्वविद्यालय में मौजूद एंबुलेंस को बुलवाया। हालांकि, जब उन्हें जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, तब एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने से उनकी हालत और बिगड़ गई, और रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

लाखों खर्च फिर भी अव्यवस्था

विश्वविद्यालय प्रशासन ने एंबुलेंस में अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए लाखों रुपये खर्च करने का दावा किया था, लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत उजागर कर दी। न सिर्फ एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं था, बल्कि विश्वविद्यालय अस्पताल में भी पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं।

प्रशासन पर उठे सवाल

इस लापरवाही को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। छात्रों और कर्मचारियों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद दयनीय है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है। विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बना रही है।


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